What is Prasad Yojana and Swadesh Darshan Yojana

क्या है प्रसाद योजना और स्वदेश दर्शन योजना


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली। पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटकों की सुविधा, पहुंच, सुरक्षा, स्वच्छता के लिए  सुनियोजित पर्यटन बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के माध्यम से पर्यटकों के तीर्थयात्रा और आध्यात्मिक अनुभव को फिर से जीवंत करने के उद्देश्य से 2014-15 में प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान) योजना शुरू की। एकीकृत, समावेशी और सतत विकास के माध्यम से तीर्थ/विरासत शहर की आत्मा का अनुभव कराना और उसे पुनर्जीवित/संरक्षित करना भी इसका उद्देश्‍य है। इस योजना के तहत, मंत्रालय आध्यात्मिक स्थलों पर पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

पर्यटन मंत्रालय ने देश में पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने, देश की संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने, स्थायी तरीके से पर्यटक आकर्षण बढ़ाने और स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में स्वदेश दर्शन योजना (एसडीएस) शुरू की। समुदायों को पर्यटन के महत्व आदि के बारे में बताया जाता है। इस योजना के तहत राज्य/केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन/केंद्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय ने टिकाऊ और जिम्मेदार गंतव्यों को विकसित करने के उद्देश्य से स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी2.0) के रूप में लागू किया।

पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत एक उप-योजना ‘चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी)’ के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। इस उप-योजना का उद्देश्य पर्यटक अनुभव को बढ़ाने के लिए गंतव्य का समग्र विकास करना है।  मंत्रालय ने देश में सीबीडीडी के तहत 42 गंतव्यों की पहचान की है जिनमें तमिलनाडु में ‘तंजावुर’ और ‘रामेश्वरम द्वीप’ शामिल हैं।

उपर्युक्त योजनाओं के तहत तमिलनाडु में पहचाने गए स्थलों/गंतव्यों, स्वीकृत परियोजनाओं, स्वीकृत धनराशि, आवंटन और उपयोग का विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।

प्रसाद योजना के शुभारंभ के बाद से, मंत्रालय ने तमिलनाडु में दो परियोजनाओं सहित देश भर में 1646.99 करोड़ रुपये की लागत से कुल 48 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

इसके अलावा, उक्त योजना के तहत विकास के लिए एक परियोजना “तमिलनाडु में आठ नवग्रह मंदिर सर्किट का विकास” की पहचान की गई है।