Truck drivers strike against 'hit-and-run' road accident law

हिट-एंड-रन’ सड़क दुर्घटना कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल कब तक?


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली। भारतीय न्याय संहिता (IPC) में 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट-एंड-रन सड़क दुर्घटना के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 10 साल की जेल और 7 लाख रुपए तक का जुर्माना का प्रावधान किया गया है। इस नए कानून के खिलाफ देशभर में ट्रक ड्राइवरों ने 1 जनवरी से तीन दिवसीय विरोध-प्रदर्शन शुरू किया है।

ट्रक ड्राइवरों का आरोप है कि यह कानून बहुत ही कठोर है और इसके कारण निर्दोष ड्राइवर भी सजा भुगतने के लिए मजबूर हो सकते हैं। उनका कहना है कि सड़क दुर्घटना के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि खराब मौसम, सड़क की खराब स्थिति, या दूसरा वाहन चालक की लापरवाही। ऐसे मामलों में अगर ड्राइवर को 10 साल की जेल हो जाती है तो उसके परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा?

ट्रक ड्राइवरों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन कोई बात नहीं बनी। इसके बाद उन्होंने हड़ताल का ऐलान किया। इस हड़ताल के कारण कई राज्यों में राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों को ब्लॉक कर दिया गया है। इससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार ने ट्रक ड्राइवरों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता हो जाएगा और हड़ताल समाप्त हो जाएगी।

गृह मंत्रालय ने जारी किया अनुरोध
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद उन्होंने कहा कि नया कानून अभी लागू नहीं हुआ है. भारतीय न्याय संहिता की धारा 106/2 को लागू करने से पहले हम ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के लोगों से बात करेंगे, उसके बाद ही फैसला किया जाएगा. सरकार और ट्रांसपोर्टर इस बात पर सहमत हुए हैं कि परिवहन कर्मचारी तुरंत अपना काम फिर से शुरू करेंगे, वे ट्रक ड्राइवरों से काम फिर से शुरू करने की अपील करते हैं।
इधर दूसरी मध्यप्रदेश में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के चलते पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ था. इंदौर के पेट्रोल पम्प पर सुबह से लाइनें लगी हुई थी। उधर, हड़ताल के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में मंगलवार को दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि हड़ताल तुरंत खत्म करवाकर, परिवहन बहाल करवाएं। वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि लोकतंत्र में एकतरफा फैसलों के लिए कोई गुंजाइश नहीं है. संसद में संवाद के बिना ट्रक ड्राइवर्स के खिलाफ कठोर कानून बनाना समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर हमला है। कानूनों के विरोध में हो रही हड़ताल से जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

हड़ताल से 1800 करोड़ का कारोबार रुका हुआ नुकसान
हिट एंड रन कानून में नये प्रावधानों के विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल से जरूरत के समान दवाएं, सब्जियों, डीजल-पेट्रोल सहित जनपयोगी वस्तुओं की सप्लाई बाधित हुई है। प्रदेश में अभी तक करीब 18 सौ करोड़ रुपये का कारोबार ठप हुआ है। शाम तक प्रदेश के एक चौथाई पेट्रोलों पर किल्लत की खबरों के कारण कहीं कहीं ऊहापोह की स्थितियां पैदा हो गईं थीं। हांलाकि रोडवेज का दावा है कि बसों का ंसंचालन सोमवार की तुलना में मंगलवार को बेहतर रहा है। शाम पांच बजे तक के आये अपडेट में 45 प्रतिशत बसों का संचालन हुआ। रोडवेज की अनुबंधित समेत कुल 6958 बसों में से 3,812 का संचालन हुआ.। हालांकि दो दिन की हड़ताल से केवल रोडवेज को ही उत्तर प्रदेश भर में कुल 15 करो़ड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।