पुरस्कार वापसी का सिलसिला फिर शुरु, पद्म विभूषण पुरस्कार वापस कर दिए प्रकाश सिंह बादल
अनिवार्य प्रश्न । कार्यालय संवाद
वाराणसी। पंजाब में लंबे समय तक भाजपा का साथ निभाने वाले और केंद्र में लंबे समय तक सहयोगी रहे प्रकाश सिंह बादल ने आज किसानों के हित में आन्दोलन के मुद्दे पर अपना पद्म विभूषण पुरस्कार सरकार को वापस कर दिया है। श्री बादल को इस पुरस्कार से नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ही वर्ष 2015 में पुरस्कृत किया था। मीडिया रिपोर्टों व सूत्रों के अनुसार प्रकाश सिंह बादल कई दिनों से जारी किसान आंदोलन के प्रति मोदी सरकार के रवैये से खफा थे।
इससे पहले एक दिसंबर को पंजाब के कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने प्रेस के समक्ष किसान प्रदर्शनकारियों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए किए गए पानी की बौछार और आँसू गैस के इस्तेमाल पर नाराजगी जताई थी। पंजाब के अर्जुन और पद्म पुरस्कार विजेताओं ने अब प्रदर्शनकारी ‘किसानों’ के साथ एकजुटता दिखाने के लिए अपना पुरस्कार वापस करने की चेतावनी दी है। पद्म श्री और अर्जुन अवार्ड धारक कई खिलाड़ी अपने पुरस्कार वापस करना चाहते हैं। सूत्रों की माने तो अगर सरकार कृषि कानूनों में आवश्यक सुधार नहीं करती है तो अनेक प्लेयर अपना पुरस्कार वापस कर देंगे। एक दिसंबर को प्रेस से एक वक्ता ने दावा किया था कि पंजाब से लगभग 150 पुरस्कार वापस किए जाएँगे।
सूचना है कि द ग्रेट खली भी किसानों के समर्थन में आगे आ गए हैं। डबल्यू डबल्यू एफ चैंपिनयन रेसलर खली उर्फ दिलीप सिंह राणा ने भी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो जारी करके किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने की बात कही है।
खिलाड़ियों व कई किसानों का मानना है कि नौकरशाही प्रधानमंत्री मोदी को गुमराह कर रही है। हमारे पास एक कृषि मंत्री है जिसका कृषि से कुछ लेना-देना नहीं है। जो लगातार कृषि कानूनों को किसानों के लिए बेहतर बताते रहे हैं।