लखनऊ में कई विकास परियोजनाओं की शुरूआत
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कई विकास परियोजनाओं की शुरूआत की। इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बी एल वर्मा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 75 साल के बाद सहकारिता मंत्रालय बनाने का काम मोदी जी ने पूरा किया है। मोदी जी द्वारा इस मंत्रालय के गठन की घोषणा के साथ ही करोड़ों लोगों के साथ न्याय करने का काम हुआ है। बहुत सालों से देशभर की कोऑपरेटिव संस्थाओं को ये आस थी कि कभी तो कोई आएगा और सहकारिता को केन्द्र बिंदु में लाने के लिए सहकारिता मंत्रालय की रचना करेगा और मोदी जी ने देशभर के करोड़ों किसानों की इस इच्छा को आज़ादी के 75वें साल में पूरा करने का काम किया है।
श्री शाह ने कहा कि 2-3 दिन पहले काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर एक भव्य कॉरीडोर बनाकर मोदी जी ने ना केवल देश बल्कि दुनियाभर के बाबा विश्वनाथ के भक्तों की इच्छापूर्ति का काम किया है। उन्होंने कहा वर्षों से चाहे वो रामजन्मभूमि परिसर हो, विंध्यवासिनी मंदिर हो, बाबा विश्वनाथ का परिसर हो, हिन्दू धर्मस्थानों के पुनर्रूद्धार और उनकी भव्यता को पुनर्स्थापित करने का किसी को विचार नहीं आता था क्योंकि सभी वोट बैंक की राजनीति करते थे। आप सभी के और विशेषकर उत्तर प्रदेश के समर्थन से पूर्ण बहुमत से मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हिंदू धर्मस्थानों का पुनर्रूद्धार होते हुए हम देख रहे हैं। ना जाने कितने लोगों ने इन धर्मस्थानों की रक्षा के लिए अपनी जान गंवाई। मोदी जी भारत के इतिहास में एक नया अध्याय आज़ाद लिखने जा रहे हैं क्योंकि मोदी जी तुष्टिकरण नहीं मानते हैं, सबसे साथ न्याय करना चाहते हैं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि अगर देश के सभी पैक्स (PACS) का कम्प्यूटरीकरण कर दिया जाए तो इसमें घपले की संभावना ख़त्म हो जाएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने तय किया है कि देश के 65,000 पैक्स को कम्प्यूटराइज़्ड किया जाएगा और सभी को एक ही सॉफ़्टवेयर से जोड़ा जाएगा। पैक्स को ज़िला सहकारी बैंक से, ज़िला सहकारी बैंक को राज्य सहकारी बैंक से और राज्य सहकारी बैंक को नाबार्ड से जोड़ा जाएगा। उत्तर प्रदेश सहकारिता विभाग ने 46,000 से अधिक कोऑपरेटिव्स में परदर्शिता लाने के लिए बहुत बड़ा अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि जब मोदीजी ने सहकारिता मंत्रालय बनाया तब कई लोगों ने पूछा कि इससे क्या फ़ायदा होगा। कृषि ऋण वितरण का 19 प्रतिशत सहकारिता विभाग के माध्यम से होता है, लगभघ 35 प्रतिशत उर्वरक वितरण सहकारिता विभाग के माध्यम से वितरित होता है, खाद का उत्पादन 25 प्रतिशत सहकारी समितियों द्वारा होता है, दूध की खरीदी और उत्पादन 22 प्रतिशत सहकारिता के माध्यम से होता है, गेहूं की खरीदी 13 प्रतिशत, धान की खरीदी 20 प्रतिशत और 21 प्रतिशत मछुआरों का कामकाज सहकारिता विभाग के माध्यम से होता है। देश के ग्रामीण अर्थतंत्र के विकास में सहकारिता रीढ़ की हड्डी है जिसे मज़बूत करने का काम देश के प्रधानमंत्री जी ने किया है। देशभर में 8,55,000 सहकारी समितिया देश में अनेक क्षेत्रों में फैली हैं और छोटे-छोटे लोगों को जोड़कर बहुत बड़ा काम कर रही हैं।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र के लिए बहुत काम किया है। मोदी जी ने एक व्यवस्था खड़ी की और हर साल देश के हर किसान को 6000 रूपए दिए। आज डेढ़ लाख करोड़ से ज़्यादा रूपए किसानों के खातों में पहुंचाने का काम मोदी जी ने किया। 10,000 नए एफ़पीओ बनाए गए, कई मंडियों को ई-मंडियों में परिवर्तित किया गया है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार 45 लाख गन्ना किसानों को 1.40 लाख करोड़ रूपए के गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में 32,000 करोड़ रूपए उत्तर प्रदेश के किसानों को मिले हैं, 86 लाख किसानों का ऋण माफ़ किया है। उन्होंने कहा किसान का काम सबसे पहले होना चताहिए, किसान की आय दोगुनी होनी चाहिए, उनका विकास होना चाहिए, ये नरेन्द्र मोदी जी के लक्ष्य हैं। श्री शाह ने कहा कि जो लोग परिवार और जाति की राजनीति करते हैं वे पारदर्शी सरकार नहीं चला सकते, जाति और परिवारवाद ही भ्रष्टाचार का जनक है।