कहानी- छुड़ा न सकी: कहानीकार: डॉक्टर दयाराम विश्वकर्मा

कहानी पट्टी खुर्द प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण कमालगंज विकास खंड का एक अतीव सुंदर गांव था, जिसमें तीन में तेरह करने वाले लोग नहीं थे। यह उस गांव का सौभाग्य … Read More

अन्तिम प्यार : रवीन्द्रनाथ ठाकुर

(बंगाली कहानी का हिंदी अनुवाद) आर्ट स्कूल के प्रोफेसर मनमोहन बाबू घर पर बैठे मित्रों के साथ मनोरंजन कर रहे थे, ठीक उसी समय योगेश बाबू ने कमरे में प्रवेश … Read More

कहानी : और क्या लूं, डॉक साब…!

कहानी  पवार साहेब ने वर्मा जी को नमस्कार करते हुए पूछा कि वर्मा जी आज अल सुबह कहां जा रहें है? वर्मा जी ने, पवार साहेब का अभिवादन स्वीकार करते … Read More