काशी में कवयित्री सम्मेलन व छः पुस्तकों का हुआ विमोचन
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
वाराणसी। साहित्य, कला, संस्कृति को समर्पित संस्था ‘बौद्धायन सोसाइटी’ वाराणसी एवं बेंगलुरु की ‘अभ्युदय’ संस्था के संयुक्त तत्वावधान में 30 नवम्बर 2022 को पाणिनि कन्या महाविद्यालय, तुलसीपुर, महमूरगंज में साहित्यिक, सांस्कृतिक बहुविध कार्यक्रमों एकदिवसीय साहित्यिक समागम का आयोजन किया गया।
तीन सत्रों मे आयोजित कार्यक्रम के प्रथम सत्र में छः पुस्तकों का विमोचन हुआ। इस सत्र की अध्यक्षता पूर्व डी आई जी एवं विद्याश्री न्यास के सचिव दयानिधि मिश्र जी ने की। मुख्य अतिथि सुबह-ए-बनारस के संस्थापक सचिव डॉ रत्नेश वर्मा, विशिष्ट अतिथि साहित्यभूषण पं जितेन्द्रनाथ मिश्र एवं दूरदर्शन व आकाशवाणी के केन्द्र निदेशक राजेश गौतम रहे।
जिनमें गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों जैसे कबीर और प्रेमचंद पर विशेष 75-75 रचनाकारों का संकलन है। अन्य में कोलकाता की चंदा प्रह्लांघदका का गीत संग्रह, लंदन से पधारी डॉ. शैल अग्रवाल की बाल साहित्य पर लिखी पुस्तक, सविता भुवानिया का कहानी संग्रह आदि प्रमुख थीं।
पुस्तकों पर विशेष चर्चा हेतु आमंत्रित वक्ताओं में दिल्ली से डॉ अमरनाथ अमर, लंदन से डॉ शैल अग्रवाल, काशी से डॉ. मुक्ता प्रमुख रहीं। कार्यक्रम का आरम्भ दीप प्रज्वलन और पाणिनि महाविद्यालय की ऋषिकाओं के वैदिक मंगलाचरण के साथ हुआ। स्वागत बौद्धायन संस्था की सचिव डॉ. मंजरी पाण्डेय तथा अभ्युदय अन्तर्राष्ट्रीय संस्था की संस्थापक व अध्यक्ष डॉ इन्दु झुनझुनवाला ने किया।
द्वितीय सत्र मे अन्तर्राष्ट्रीय कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कवयित्री सम्मेलन मे भाग लेने वाली कवयित्रियों में सुषमा सिंह, प्रियंका कटारिया, सुमन द्विवेदी, डॉ कृष्णामणि श्री, पूनम सिंह, चंदा प्रह्लादका, सविता भुवानिया, डॉ इन्दु झुनझुनवाला तथा काशी से डॉ. रचना शर्मा, डॉ. संगीता श्रीवास्तव, श्रुति गुप्ता और डॉ नसीमा निशा रहीं। समापन के तीसरे सत्र में आधुनिक तकनीक से तैयार बुद्ध की वैचारिक यात्रा पर आधारित नाटक लोगों के अन्तर्मन में प्रवेश कर गया। इस अवसर पर गणमान्य सुधी साहित्यकार, कलाकार एवं कलाप्रेमी विभूतियों की गरिमामय उपस्थिति रही।