सोने-चाँदी के छोटे व्यवसायियों और कारीगरों के ऊपर रोजी रोटी का संकट
अनिवार्य प्रश्न । संवाद
लाकडाउन मे ही बीत जाएगी अक्षय तृतीया
लग्न की विक्री भी इस बार रहेगी ठंढी
सर्राफा व्यवसाय से जुड़े हजारों लोगों की होगी करोड़ों की क्षति
वाराणसी। सोने व चाँदी का व्यवसाय विशेषकर अक्षय तृतीया और वैवाहिक लग्न के समय ही उछाल पर होता है, जो प्रतिवर्ष अप्रैल, मई व जून माह में अच्छा होता है। पर इस बार सर्राफा व्यापार लाकडाउन मे बहुत मुश्किलों का सामना कर रहा है। ऐसे में सभी छोटे व मध्यम वर्गीय व्यवसायियों और कारीगरों के उपर रोजी रोटी का संकट गहरा गया है। केवल वाराणसी जिले में ही लगभग 2500 से 30000 कारीगर इस व्यवसाय से जुड़े हैं जो अपने रोजगार व परिवार के भरण पोषण और भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
वाराणसी में स्थानीय नागरिकों के अतिरिक्त बहुत से कारीगर पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र और राजस्थान से आकर स्वर्णाभूषण के अलग-अलग कारखानों में गहने तैयार करते हैं। इन दिनों वह बेरोजगार हो गए हैं। और देशभर में ऐसे कामगार आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। इसी व्यवसाय में कुछ बड़े व समाजसेवी व्यापारी भी हैं जो सहयोग में आगे आने के साथ ही सभी कारीगरों से धैर्य बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। वे वर्तमान परिस्थिति में ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि हे परमेश्वर पूरे विश्व के सभी लोगों के जीवन को सुखमय बनाते हुए इस कोरोना वायरस नामक महामारी से जल्द मुक्ति दिलाएं और सभी के जीवन की रक्षा करें।
उल्ेखनीय है कि अक्षय तृतीया पर ही कारोबार अच्छा होता है। यह एक महान पर्व है जो आदिकाल से चला आ रहा है। अक्षय का अर्थ ही है कि जिसका कभी क्षय न हो। ऐसी धारणा है कि अक्षय तृतीया के दिन जो लोग स्वर्णाभूषण खरीदते हैं तो उसका कभी क्षय नही होता है। माना जाता है कि इस तिथि में किए जाने वाले शुभ व पुण्य कार्य का भी अक्षय फल प्राप्त होता है। इस दिन हमारे द्वारा किए गए शुभ कार्य, दान-पुण्य या स्वर्ण के रूप में जो कुछ संचय किया जाता है उसका कभी क्षय नहीं होता है। यह हिन्दू परंपरा लम्बे समय से चली आ रही है।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार लोग अक्षय तृतीया के दिन सोने या सोने से बने हुए आभूषण को क्रय करते हैं जिसका कभी क्षय नहीं होता। परन्तु इस समय पूरा भारत देश ही नहीं अपितु पूरा विश्व कोविड-19 नामक महामारी से भयग्रस्त हैं, और इस महामारी से आम जन की सुरक्षा के लिये सरकार द्वारा घोषित लाकडाउन के कारण सभी स्वणकारों का व्यवसाय भी बंद पड़ा हुआ है। वाराणसी सर्राफा व्यापार मंडल के अध्यक्ष किशन सेठ ने एक विज्ञप्ति में बताया कि इस स्वर्ण और रजत व्यवसाय से जुड़े लोग केवल अक्षय तृतीया के दिन जो इस बार दिनांक 26 अप्रैल 2020 दिन रविवार को पड़ रही है, सिर्फ काशी में ही लगभग 300 करोड़ का अनुमानित व्यवसाय करते हैं जो इस बार लाकडाउन के प्रभाव में नही हो पाएगा।