कामयाब रहा भारत बंद : किसान यूनियन
अनिवार्य प्रश्न । संवाद
नई दिल्ली। भारत भर के तमाम किसान संगठन महीनों विरोध के बाद लगभग पक्ष भर से दिल्ली की सीमाओं को बंद किए हुए हैं। सरकार द्वारा लाए गए लॉकडाउन के अवधि में तीनो कानूनों को वह गलत बता रहे हैं और उनकी मांग है कि उन्हें स्थगित किया जाए। सरकार उस पक्ष पर उनकी बात मानते हुए अभी नहीं दिख रही है। ऐसे में आज 8 दिसंबर 2020 को किसान संघों ने भारत बंद का आह्वान किया था।
आज कमोवेश भारत भर में बंदी दिखाई दी। हालांकि अनेक राज्य सरकार दावा करती रहीं व सुरक्षा का आश्वासन देती रहीं कि कहीं मारपीट, यात्रा में रुकावट व दुकानें बंद नहीं की जाएंगी। लेकिन किसानों ने किसी को यातना नहीं दी और ना ही जबरदस्ती बंदी लागू करनी चाही। इसके बावजूद भी भारत भर में बंदी का व्यापक असर देखा गया।
दिल्ली की सीमाएं लगभग बंद रहीं और एंबुलेंस, आवश्यक जरूरी सेवाओं की सामग्री वाहनों की आवाजाही की ही किसानों की अनुमति रही। किसान दिल्ली की बाहरी प्रमुख सड़कों पर जमे रहे। देश भर में व्यापारिक प्रतिष्ठानों में वह बंदी नहीं देखने को मिली और बाजार छिटफुट खुले रहे। देश भर से प्राप्त समाचारों व राष्ट्रीय मीडिया के समाचारों से जानकारी मिली है कि बाजार कमोबेश खुले रहे लेकिन आम आदमी व गांव से जुड़े छोटे-छोटे बाजार सुन्न रहे। बड़े महानगरों में भी नागरिकों की आवाजाही कम रही। विशेषज्ञों का मानना है कि मारपीट और जोखिम के अंदेशों से भी लोगों का आना जाना राज से कम हुआ।
हालांकि देशभर में किसानों के शक्ति व समर्थन का अच्छा नजारा देखने को मिला। भारतीयों ने भारतीय किसानों का अच्छा समर्थन किया। शाम के समय भारतीय किसान संगठनों ने भारतीयों का हृदय से आभार जताया है। उन्होंने उन भारतीयों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनके सम्मान व उनके आंदोलन के समर्थन में साथ दिया व शांतिपूर्ण सहयोगी बने।