Leaving Kashi, Kamayani Express will now run from Ballia

काशी को छोड़ अब बलिया से चलेगी कामायनी एक्सप्रेस


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


वाराणसी। महाकवि जयशंकर प्रसाद की कालजई व विश्वविख्यात कृति ‘कामायनी’ के नाम पर चलने वाली ट्रेन कामायनी अब वाराणसी से मुंबई के लिए न जाकर बलिया से मुंबई के लिए रवाना होगी और मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस से अब वाराणसी के लिए नहीं बल्कि बलिया के लिए चलेगी। रेलवे द्वारा लिया गया यह निर्णय काशी पर काफी भारी पड़ने वाला है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुरूप अब वाराणसी में वो केवल 1 मिनट ही रुकेगी। हालांकि रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि अभी इस पर विचार चल रहा है कि वह यहां 5 से 10 मिनट रुक सकती है।
अभी तक वाराणसी के महाकवि जयशंकर प्रसाद की रचना के नाम पर चलने वाली ‘कामायनी’ वाराणसी से ही मुंबई के लिए छूटती थी। इससे कासीवासियों को सुनिश्चित टिकट मिलने की संभावना अधिक रहती थी। अब काशी के लोगों को मुंबई के लिए आना जाना पहले से कुछ कठिन हो जाएगा। रेलवे के शेड्यूल के मुताबिक 10 दिसंबर से कामायनी एक्सप्रेस काशी अर्थात बनारस से ना जाकर बलिया से मुंबई के लिए निकलेगी। बलिया चलकर बनारस कैंट में इस ट्रेन का समय 3ः39 पर पहुंचने का रहेगा।
सूचना के मुताबिक जो अभी वर्तमान शेड्यूल है उसमें 3ः40 पर बनारस से मुंबई के लिए छूट जाएगी। रेलवे की बड़ी भूल यह मानी जा रही है कि पहले के स्टेशनों पर यह ट्रेन सिर्फ एक मिनट रूकेगी और वाराणसी से पहले के कई स्टेशनों पर इसका ठहराव 5 मिनट से ज्यादा रखा गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहां से कामायनी ट्रेन पहले स्टार्ट होती थी वहां अब इसके ठहरने का समय सिर्फ 1 मिनट कर दिया गया है।
संभवत निर्णायक अधिकारियों ने इसका फैसला लेने में भूल किया है। इस ट्रेन के सबसे अधिक पैसेंजर वाराणसी से बैठने के अभ्यासी रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कामायनी एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 11071 और 11072 भारतीय रेलवे द्वारा मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस और बनारस के बीच चलने वाली एक दैनिक एक्सप्रेस ट्रेन थी। मध्य रेलवे की एकमात्र ट्रेन है जो मुंबई से भोपाल के रास्ते होते हुए काशी तक आती थी। यह प्रतिदिन ट्रेन थी। इसमें 11 स्लीपर, 4 थर्ड एसी, 1 सेकंड एसी, 1 फर्स्ट एसी वातानुकूलित और 2 सामान्य श्रेणी के कोच हैं।