जीईएम ने मनाया 8वां स्थापना दिवस, समावेशी विकास और डिजिटल गवर्नेंस में निभाई अग्रणी भूमिका
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने अपने 8वें स्थापना दिवस के अवसर पर समावेशी आर्थिक विकास और डिजिटल गवर्नेंस में अपने परिवर्तनकारी योगदान का जश्न मनाया। इस अवसर पर जीईएम के सीईओ श्री मिहिर कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि “जीईएम नवाचार के माध्यम से सरलीकरण, सशक्तीकरण और परिवर्तन को साकार कर रहा है। यह मंच न केवल खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और कुशल बना रहा है, बल्कि एमएसई, स्टार्टअप, महिला उद्यमियों, बुनकरों और स्वयं सहायता समूहों जैसे विविध हितधारकों को एकीकृत कर एक न्यायसंगत बाजार भी तैयार कर रहा है।”
जीईएम की पहुंच तेजी से बढ़ रही है और इसके उपयोगकर्ता आधार में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें 1.64 लाख से अधिक प्राथमिक खरीदार और 4.2 लाख सक्रिय विक्रेता शामिल हैं। यह मंच अब 10,000 से अधिक उत्पाद श्रेणियों और 330 से अधिक सेवाएं प्रदान करता है। स्वतंत्र संस्थानों जैसे विश्व बैंक और आर्थिक सर्वेक्षण ने सरकारी खरीद में औसतन 10% लागत बचत के साथ जीईएम के प्रभाव की पुष्टि की है।
समावेशिता को प्राथमिकता देते हुए जीईएम से अब तक 10 लाख से अधिक सूक्ष्म एवं लघु उद्यम (एमएसई), 1.3 लाख कारीगर और बुनकर, 1.84 लाख महिला उद्यमी और 31,000 स्टार्टअप जुड़ चुके हैं। प्लेटफॉर्म पर लगभग 97% लेनदेन अब शुल्क मुक्त हैं और लेनदेन शुल्क को 33% से 96% तक घटाया गया है। छोटे विक्रेताओं को राहत देते हुए, 1 करोड़ रुपये से कम वार्षिक कारोबार वालों के लिए सावधानी राशि में 60% की कटौती की गई है और कुछ समूहों को पूरी छूट भी दी गई है।
राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को समर्थन देते हुए जीईएम के माध्यम से रक्षा (आकाश मिसाइल सिस्टम के लिए ₹5,000 करोड़), स्वास्थ्य (वैक्सीन खरीद हेतु ₹5,085 करोड़), और उन्नत सेवाओं जैसे ड्रोन-एज-ए-सर्विस, बीमा और सीटी स्कैनर वेट लीजिंग के क्षेत्र में बड़े लेनदेन संपन्न हुए हैं। जीईएम को अब सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अपनाया गया है, जिनमें उत्तर प्रदेश अग्रणी है और आठ राज्यों ने इसके उपयोग को अनिवार्य किया है।
पारदर्शिता और जवाबदेही को सुदृढ़ करते हुए, जीईएम ने उन्नत एनालिटिक्स और वास्तविक समय निगरानी प्रणाली को लागू किया है। डिजिटल गवर्नेंस में एक उल्लेखनीय कदम के रूप में, जीईएम ने भारत का पहला जनरेटिव एआई-आधारित सार्वजनिक क्षेत्रीय चैटबॉट “GeM AI” लॉन्च किया है, जो 10 भारतीय भाषाओं में वॉयस और टेक्स्ट दोनों माध्यमों में सहायता प्रदान करता है।
अंत में, श्री मिहिर कुमार ने सभी हितधारकों को बधाई देते हुए विश्वास जताया कि “जीईएम का यह समावेशी और नवाचारी मॉडल भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देता रहेगा।”