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Mishrit/Panchayati Raj Ministry objects to Times of India's satirical cartoon - "Gram Panchayats are not failed but vibrant institutions of local self-governance"

पंचायती राज मंत्रालय ने टाइम्स ऑफ इंडिया के व्यंग्यात्मक कार्टून पर जताई आपत्ति – “ग्राम पंचायतें असफल नहीं, स्थानीय स्वशासन की जीवंत संस्थाएं हैं”


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली, 15 मई 2025 — पंचायती राज मंत्रालय ने टाइम्स ऑफ इंडिया के 14 मई 2025 के नई दिल्ली संस्करण में प्रकाशित एक व्यंग्यात्मक कार्टून पर कड़ा ऐतराज जताया है। यह कार्टून, जो टाइम्स टेकीज सेक्शन (पृष्ठ 24) में पुनः प्रकाशित किया गया था, मूल रूप से 14 अप्रैल 2016 को प्रकाशित हुआ था और इसमें व्यंग्य किया गया था: “ग्राम पंचायतें विफल हो गईं। हमारे पास इंस्टाग्राम पंचायतें हैं।”

मंत्रालय ने इस कथन को वास्तविकता से परे और भारत में पंचायती राज व्यवस्था की अब तक की प्रगति को अनदेखा करने वाला बताया है। मंत्रालय का कहना है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को लेकर इस तरह का सामान्यीकृत और व्यंग्यात्मक दृष्टिकोण न केवल भ्रामक है, बल्कि यह देशभर में हो रहे गंभीर और परिवर्तनकारी कार्यों को भी कमजोर करता है।

मंत्रालय ने कहा कि देशभर में 32 लाख से अधिक निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि, जिनमें 14 लाख से अधिक महिलाएं शामिल हैं, स्थानीय शासन को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इन प्रतिनिधियों का कार्य डिजिटल, पारदर्शी और समावेशी शासन की दिशा में उल्लेखनीय है।

हाल के वर्षों में मंत्रालय द्वारा किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों में मेरी पंचायत मोबाइल एप्लिकेशन शामिल है, जिसे “जेम्स ऑफ डिजिटल इंडिया अवार्ड 2024” से सम्मानित किया गया है। यह ऐप नागरिकों को पंचायत संबंधी सूचनाओं तक वास्तविक समय में पहुंच प्रदान करता है, जिससे जनभागीदारी और पारदर्शिता में वृद्धि हुई है।

इसके अतिरिक्त, ग्राम मानचित्र, भाषानी और आईएमडी (भारत मौसम विज्ञान विभाग) जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ एकीकरण ने ग्राम पंचायतों की आपदा प्रबंधन और स्थानीय योजना क्षमताओं को सशक्त किया है। साथ ही, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के तहत अब तक 3.65 करोड़ से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण किया जा चुका है।

ई-ग्राम स्वराज, पीएफएमएस, एनएडी और सर्विसप्लस जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की मदद से आज भारत की 2.5 लाख से अधिक पंचायतें रियल टाइम वित्तीय प्रबंधन, परिसंपत्ति प्रबंधन और नागरिक सेवाएं प्रदान कर रही हैं। ग्राम पंचायतों द्वारा अपने राजस्व स्रोतों को सुदृढ़ करना, मौसम पूर्वानुमान की स्थानीय उपलब्धता और अत्याधुनिक पंचायत भवनों का निर्माण, इन्हें डिजिटल और आत्मनिर्भर ग्राम शासन का उदाहरण बनाता है।

मंत्रालय ने यह भी रेखांकित किया कि हाल ही में प्रसारित तीन भागों वाली डिजिटल श्रृंखला ‘फुलेरा का पंचायती राज’ को देशभर में जनता की सराहना मिली है, जो ग्रामीण शासन प्रणाली के प्रति बढ़ती जागरूकता और विश्वास को दर्शाता है।

मंत्रालय का स्पष्ट कहना है कि ग्राम पंचायतें विफल नहीं हुई हैं। वे स्थानीय स्वशासन की मजबूत और जीवंत इकाइयां हैं, जो विकसित भारत 2047 के विजन की ओर दृढ़ता से अग्रसर हैं।