श्रावस्ती में बौद्ध पर्यटन को लगेगा नया पंख, 14707 लाख की 6 परियोजनाएं स्वीकृत
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
बौद्ध श्रद्धालुओं और पर्यटकों को मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं, स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
श्रावस्तीI भगवान बुद्ध से जुड़े पावन स्थलों की ऐतिहासिक विरासत को निखारने और बौद्ध श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रावस्ती जनपद के लिए 14707 लाख रुपये की 06 पर्यटन परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। इन परियोजनाओं से न सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत स्वीकृत इन परियोजनाओं में श्रावस्ती विधानसभा क्षेत्र के सीताद्वार झील पर घाट के सौंदर्यीकरण और पर्यटन विकास के लिए 1 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है। इसके साथ ही जातक कथाओं पर आधारित एक भव्य थीम पार्क के निर्माण के लिए 2394.62 लाख रुपये की परियोजना को हरी झंडी दी गई है।
श्रावस्ती में स्थित महामंगोल बौद्धविहार परिसर में भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा पर फसाड लाइटिंग की व्यवस्था के लिए 110.15 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जो इस पवित्र स्थल की भव्यता को और भी निखारेंगे। वहीं बुद्धवनम की स्थापना तथा यात्रियों की सुविधाओं के विकास के लिए 4398.37 लाख रुपये की परियोजना प्रस्तावित की गई है।
पर्यटन विकास को नई गति देने के उद्देश्य से श्रावस्ती जिले के समग्र पर्यटन विकास हेतु 7653.86 लाख रुपये की एक बड़ी परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्त कलकलहा माता मंदिर के पर्यटन विकास के लिए 50 लाख रुपये की परियोजना भी स्वीकृत की गई है।
पर्यटन मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को सुसज्जित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसका मुख्य उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर उत्तर प्रदेश को पर्यटन के वैश्विक नक्शे पर और मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और राज्य सरकार इसे आर्थिक विकास का एक प्रमुख माध्यम मानते हुए विशेष ध्यान दे रही है।
इन परियोजनाओं के पूरा होने से श्रावस्ती बौद्ध परिपथ के प्रमुख केंद्र के रूप में और अधिक लोकप्रिय होगा, जिससे क्षेत्रीय विकास और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा।