Pradhan Mantri Awas Yojana in Uttar Pradesh - Financial assistance for more than 6 lakh beneficiaries released under rural

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत 6 लाख से अधिक लाभार्थियों के लिये वित्तीय सहायता जारी


अनिवार्य प्रश्न। संवाद


प्रदेश में 22 लाख मकान बनाए जायेंगे, 21.5 लाख मकान पहले से ही स्वीकृत हैं, 14 लाख परिवारों को पहले से ही प्राप्त हो चुके हैं उनके आवास


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में आज 6 लाख से अधिक लाभार्थियों को वित्तीय सहायता जारी की। उन्होंने लाभार्थियों से बातचीत भी की। इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों, वंचितों और शोषितों के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है। उन्होंने पांच साल पहले आगरा से प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत करने के पल को याद किया। इस योजना ने भारतीय गांवों का चेहरा बदलना शुरू कर दिया है। यह योजना लाखों लोगों की आशाओं से जुड़ी हुई है और गरीबों को यह विश्वास दिलाया है कि वह भी मकान मालिक हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने खुशी व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश उन राज्यों में से है जो गरीबों के लिए घर बनाने के काम में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज, राज्य के 6 लाख परिवारों को उनके बैंक खाते में कुल 2600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पहुंच जायेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन 6 लाख परिवारों में से, 5 लाख को पहली किस्त मिलेगी, जिसका अर्थ है कि 5 लाख परिवारों के लिए, उनके जीवन का इंतजार समाप्त हो गया है। इसी तरह, 80 हजार परिवारों को उनकी दूसरी किस्त मिली, जिसका मतलब है कि अगली सर्दियों तक उनका अपना घर होगा।

कहा कि ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना से बहुत बडा बदलाव देखने को मिलेगा। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश उन अग्रणी राज्यों में से एक है जहां इसे लागू किया गया है। इस योजना के तहत, ग्रामीणों को घर के स्वामित्व के कागज़ात के साथ उनकी जमीन मिलेगी। उत्तर प्रदेश के हजारों गांवों में सर्वेक्षण के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। ज़मीन की मैपिंग की जा रही है ताकि लोगों की संपत्ति सरकार के पास पंजीकृत रहे और भूमि विवाद समाप्त हो जाये। उन्होंने कहा कि इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि ग्रामीण इन घरों को गिरवी रखकर बैंक से ऋण ले सकेंगे। इससे ग्रामीण संपत्ति की कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह काम राज्य के 8.5 हजार गांवों में समाप्त हो गया है और लोगों को सर्वेक्षण के बाद डिजिटल सर्टिफिकेट मिल रहे हैं, जिसे स्थानीय स्तर पर ‘घरौनी’ कहा जाता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहले ही 51 हजार से अधिक ऐसे प्रमाण पत्र वितरित किए जा चुके हैं।

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