2020 खरीफ के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बड़े पैमाने पर हो रहा नामांकन
अनिवार्य प्रश्न । संवाद
केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से फसलों का बीमा कराने की अपील की
बीमा योजना कटाई से पहले और बाद में पूरे फसल चक्र के दौरान किसी भी तरह के फसल नुकसान की सुनिश्चित करती है भरपाई
नई दिल्ली। देश के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में खरीफ-2020 सीजन के लिए प्रधानमंत्री फासल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत किसानों का नामांकन बड़े पैमाने पर हो रहा है। भारत सरकार ने उन सभी किसानों के लिए नामांकन निःशुल्क कर दिया है जिन्हें केवल प्रीमियम राशि का भुगतान करने की आवश्यकता है। किसान खरीफ-2020 सीजन के लिए अपनी खाद्य फसलों (अनाज और तिलहन) का महज 2 प्रतिशत की बीमित राशि पर तथा वाणिज्यिक और बागवानी फसलों का न्यूनतम 5 प्रतिशत की बीमित राशि पर बीमा करा सकते हैं। बाकी की प्रीमियम राशि पर केंद्र सरकार और राज्यों द्वारा सब्सिडी दी जाएगी। कुछ राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में खरीफ 2020 मौसम में फसल बीमा कराने की अंतिम 31 जुलाई 2020 तक समाप्त हो सकती है।
किसानों को प्रेात्साहित करने के लिए, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उनसे वीडियो संदेश के माध्यम से पीएमएफबीवाई के तहत नामांकन कराने की अपील की है और प्राकृतिक आपदाओं के परिणामस्वरूप फसल की क्षति से होने वाले वित्तीय नुकसान से खुद को बचाने का अनुरोध किया है। केन्द्रीय मंत्री का यह संदेश संदेश पीआईबी के यूट्यूब चैनल https://youtu.be/b9LooMrHdEk) पर देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फसल की बुआई से लेकर कटाई के बाद तक की पूरे फसल चक्र से जुड़ी गतिविधियों के दौरान फसल के नुकसान के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करती है। किसानों को किसी भी अप्रत्याशित आपदा के कारण बुवाई मे आने वाली परेशानी से बचाव के लिए जल्द से जल्द योजना में नामांकन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के तहत, सूखा, बाढ़, भूस्खलन, बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, प्राकृतिक आग और खड़ी फसल के लिए चक्रवात के साथ-साथ ओलावृष्टि से बचाव के लिए व्यापक जोखिम कवर की व्यवस्था है।
फरवरी 2020 में, भारत सरकार ने फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन में कुछ पिछली चुनौतियों से निपटने के लिए पीएमएफबीवाई के पुन: निर्धारण को मंजूरी दे दी। सरकार ने योजना को सभी किसानों के लिए खरीफ सीजन-2020 से स्वैच्छिक कर दिया है। इससे पहले, सभी ऋणदाता किसानों के लिए यह योजना अनिवार्य थी। अब, ऋण बकाया वाले किसान नामांकन की कट-ऑफ तारीख से सात दिन पहले अपनी बैंक शाखा को एक साधारण घोषणा पत्र देकर योजना से खुद को अलग कर सकते हैं।
जो भी किसान जो पीएमएफबीवाई के तहत नामांकान करना चाहता है, उसे अपने नजदीकी बैंक, प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) / ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई), कृषि विभाग के कार्यालय, बीमा कंपनी के प्रतिनिधि या सीधे राष्ट्रीय फसल योजना एनसीआईपी के पोर्टल Www.pmfby.gov.in और फसला बीमा ऐप (https://play.google.com/store/apps/details?id=in.farmguide.farmerapp.central के माध्यम से ऑनलाइन संपर्क करना चाहिए।
नामांकन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किसानों को आधार संख्या, बैंक पासबुक, भूमि रिकॉर्ड / किरायेदारी समझौते, और स्व-घोषणा प्रमाण पत्र ले जाना होगा। इस सीजन में, योजना के तहत नामांकित सभी किसानों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर नियमित एसएमएस के माध्यम से उनके आवेदन की स्थिति के बारे में सूचित किया जाएगा।
किसानों के लिए परेशानी मुक्त नामांकन सुनिश्चित करने के लिए, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने बैंकों, बीमा कंपनियों, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएसी), राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) और ग्राम स्तरीय 29,275 अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। इसके अलावा, बीमा कंपनियों ने विभिन्न हितधारकों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया है। मंत्रालय का लक्ष्य किसान कॉल सेंटर के 600 अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करना भी है।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने योजना के बारे में किसानों में जागरूकता पैदा करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मंत्रालय और राज्य कृषि विभागों के सहयोग से विभिन्न बीमा कंपनियों ने देश भर में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। विभिन्न गतिविधियों जैसे कि स्थानीय स्तर पर जागरूकता बैठकें, महत्वपूर्ण स्थानों पर बैनर और पोस्टर प्रदर्शित करना, पर्चे का वितरण, आईईसी वैन, स्थानीय और राष्ट्रीय समाचार पत्रों में विज्ञापन, अन्य लोगों के बीच जनसंचार माध्यमों से व्यापक अभियान, जमीनी स्तर पर जागरूकता पैदा करने के लिए संचालित किए जा रहे हैं।
फसल बीमा योजना किसानों को उनकी फसलों को प्राकृतिक आपदा, कीटों के हमले और रोगों से बचाव के लिए बनाई गई है। यह येाजना उन्हें और दावा निपटान के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करके उन्हें अपने पैरों पर वापस मजबूती से खड़े होने में भी मदद करती है। सभी किसानों को अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल के नुकसान से सुरक्षा के रूप में फसल बीमा का लाभ उठाने के लिए पीएमएफबीवाई के तहत नामांकन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।