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स्नेह से सजी नई शुरुआत: भारत में गोद लिए गए बच्चों की कहानियों में उमड़ता अपनापन

अनिवार्य प्रश्न। संवाद। नई दिल्ली। “मैं तुमसे प्यार करता हूं मां, क्योंकि तुम मुझे खेलने के लिए बाहर ले जाती हो…” – छोटे मोक्ष की कांपती हुई लिखावट में लिखे … Read More

अंबेडकर के बारे में सच बोलने का साहस कब करेगी भारतीय राजनीति

भारतीय राजनीति द्वारा संविधान निर्माण का सारा श्रेय डॉ० अम्बेडकर को दिए जाने को मिथ्या प्रचार और अन्य निर्माताओं का अपमान मान रहे हैं वरिष्ठ लेखक पं० छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ … Read More

देश की समृद्ध पाठ्य परंपराओं को बनाए रखने और उनका जश्न मनाने के लिए “राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन”

अनिवार्य प्रश्न। संवाद। देश की समृद्ध पाठ्य परंपराओं को बनाए रखने और उनका जश्न मनाने के लिए सरकार डिजिटलीकरण का विस्तार करने और सार्वजनिक पहुंच बढ़ाने के लिए समर्पित है। … Read More

‘स्वर लहरी’ और ‘तेरी जीत मेरी हार’ दो काव्य पुस्तकों का हुआ भव्य लोकार्पण

अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। डा. अनिल सिन्हा बहुमुखी रचित ‘स्वर लहरी’ और कवयित्री नीलिमा श्रीवास्तव द्वारा रचित ’तेरी जीत मेरी हार’ के भव्य लोकार्पण कार्यक्रम भोजूबीर सरसौली स्थित स्याही … Read More

कहानी: अधर में: कहानीकार डॉक्टर डी आर विश्वकर्मा

कहानी: परियतपुर गांव के दक्षिण में एक चमटोल बस्ती है, जिसमें एक माध्यम वर्गीय परिवार पोस्टमैन कोलान का घर है।कच्चे व फूस के मकानों के मध्य कोलन का मकान उसकी … Read More

कौन है सदगुरु?-डॉक्टर डी. आर. विश्वकर्मा

गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर एक चिंतन भारत की गणना एक ऋषि प्रधान देश में होती है। यहाँ की पावन धरा पर अनगिनत संत, महात्माओं, गुरुओं ने समय समय … Read More

‘उद्गार’ के 100 वीं कवि गोष्ठी का हर्षपूर्ण समापन, प्रकाशित की जायेगी ‘उद्गार शतक’ नाम से स्मारिका

अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। 16 जून 2024 को भोजूबीर के सरसौली स्थित ‘स्याही प्रकाशन’ के ‘उद्गार सभागार’ में साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संस्था ‘उद्गार’ के 100वीं मासिक कवि गोष्ठी … Read More

आलेख: समाज में बढ़ता सेक्सटार्शन का अपराध

आलेख: प्रेम व व्यवहार के नाम पर सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बढ़ते पोर्नवाद और नग्नता के आधार पर वसूली तथा अन्य अपराध की विवेचना कर रहें हैं वरिष्ठ लेखक … Read More

हम बिहार में चुनाव लड़ रहे हैं (व्यंग्य)

हरिशंकर परसाई पाठकों, मैं वह हरिशंकर नहीं हूं, जो व्यंग्य वगैरह लिखा करता था। मेरे नाम, काम, धाम सब बदल गए हैं। मैं राजनीति में शिफ्ट हो गया हूं। बिहार … Read More

आलेख : स्वर्ग में विचार-सभा का अधिवेशन

आलेख :भारतेंदु हरिश्चंद्र स्‍वामी दयानन्‍द सरस्‍वती और बाबू केशवचन्‍द्रसेन के स्‍वर्ग में जाने से वहां एक बहुत बड़ा आंदोलन हो गया। स्‍वर्गवासी लोगों में बहुतेरे तो इनसे घृणा करके धिक्‍कार … Read More