राष्ट्रीय कृषि संहिता : एक विश्लेषण

अनिवार्य प्रश्न। फीचर डेस्क। भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। देश की विशाल जनसंख्या को भोजन प्रदान करने के साथ-साथ, यह लाखों लोगों को रोजगार भी प्रदान … Read More

‘स्वर लहरी’ और ‘तेरी जीत मेरी हार’ दो काव्य पुस्तकों का हुआ भव्य लोकार्पण

अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। डा. अनिल सिन्हा बहुमुखी रचित ‘स्वर लहरी’ और कवयित्री नीलिमा श्रीवास्तव द्वारा रचित ’तेरी जीत मेरी हार’ के भव्य लोकार्पण कार्यक्रम भोजूबीर सरसौली स्थित स्याही … Read More

‘राजभाषा हिंदी का वैश्विक परिदृश्य एवं चुनौतियां’ विषय पर विद्वानों ने किया मंथन

अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान, लखनऊ द्वारा 19-20 सितंबर 2024 को वाराणसी के उद्गार सभागार, भोजूबीर में ‘राजभाषा हिंदी का वैश्विक परिदृश्य एवं चुनौतियां’ विषय पर … Read More

कवि नंदलाल राजभर की काव्य पुस्तक ‘सृजन के फूल’ का हुआ लोकार्पण

अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। काशी के वृद्ध कवि नंदलाल राजभर ‘नंदू’ की स्याही प्रकाशन से नव प्रकाशित हिन्दी काव्य पुस्तक ‘सृजन के फूल’ का लोकार्पण भोजूबीर स्थित ‘उद्गार’ संस्था … Read More

कौन है सदगुरु?-डॉक्टर डी. आर. विश्वकर्मा

गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर एक चिंतन भारत की गणना एक ऋषि प्रधान देश में होती है। यहाँ की पावन धरा पर अनगिनत संत, महात्माओं, गुरुओं ने समय समय … Read More

मुम्बई की कवयित्री सिंधवासिनी तिवारी सिंधु को दिया गया उद्गार साहित्य सम्मान

साहित्य समाज को और कविता कल्पना की भावुकता को दिशा देने में सक्षम-पंडित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। आज 19 मई 2024 को उद्गार साहित्यिक, सांस्कृतिक व … Read More

कविता :  शब्द :  डॉक्टर डी. आर. विश्वकर्मा

कविता :  शब्द  शब्दों को हैं ब्रह्म मानते, शब्द ब्रह्म का आराधक। दिखती है शब्दों की थिरकन, जग में सब, उसके साधक।। शब्दों के ही उद्बोधन से, अन्तर्मन के उठते … Read More

हे राम! तुम्हें आना होगा! : पं. छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’

भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के प्रशंगवश उद्गार के संस्थापक की दो कवितायें/गीत गीत 01 हे राम! तुम्हें आना होगा! हे राम! तुम्हें आना होगा! मेरी बहने औ’’ मातायें दे … Read More

इस बार बसंत को प्रभु श्रीराम की अगवानी के लिए पौष में ही आना होगा – डॉ. चन्द्र भाल ‘सुकुमार’

स्तम्भ: ‘डायरी लिखनी है’: भाग एक रोज रात को सोने से पहले डायरी लिखने की मेरी पुरानी आदत है। कभी भूल भी जाता हूँ तो धर्मपत्नी याद दिला देती हैं। … Read More

पंडित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ द्वारा संपादित आठ पुस्तकों के लोकार्पण के साथ कवियों ने मनाया नववर्षोत्सव

अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। कुछ भरकर कुछ रीत गया है धरती पर, जाने क्या-क्या बीत गया है धरती पर: कुण्ठित उद्गार की 91 वीं कवि गोष्ठी संपन्न वाराणसी। साल 2023 … Read More