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गीत ऋषि ‘वियोगी’ की याद में आयोजित की गई ‘गीतांजलि’

अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। दिनांक 26 फरवरी, 2023 को भोजूबीर स्थित स्याही प्रकाशन के सभागार में लंबे समय तक ‘उद्गार’ संगठन के अध्यक्ष रहे और विगत दिनों दिवंगत हुए … Read More

बौराया बनारस, बेहोश प्रशासन : छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’

आलेख। बौराया बनारस, बेहोश प्रशासन : छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’ के साथ अनिवार्य प्रश्न फीचर डेस्क। बनारस की शान अपने आप में अनोखी है। यहां का हर आदमी अपने अल्हड़ता के … Read More

काशी में कवयित्री सम्मेलन व छः पुस्तकों का हुआ विमोचन

अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। साहित्य, कला, संस्कृति को समर्पित संस्था ‘बौद्धायन सोसाइटी’ वाराणसी एवं बेंगलुरु की ‘अभ्युदय’ संस्था के संयुक्त तत्वावधान में 30 नवम्बर 2022 को पाणिनि कन्या महाविद्यालय, … Read More

मोबाइल युग, कश्मकश में जिंदगी बस जीये जा रहे हैं लोग : पायल लक्ष्मी सोनी

आलेख समय बदल चुका है और हमने समय के साथ चलना सीख भी लिया है। समय के साथ बहुत से बदलावों को अपनाया और बहुत सी आदतों को छोड़ दिया … Read More

सैनिक स्कूल तिलैया – राष्ट्र निर्माण का अहम् भागीदार : “तिलैयन डायरी” से उद्धृत अंश

पुटुस से पटे हुए सड़क के दोनों किनारे। मुख्य दरवाजे पर बारिश से भीगा तोप। अंदर घुसते ही, बाईं तरफ छोटी-छोटी दकानें, जो एक बोर्डिंग स्कूल में रह रहे बच्चोँ … Read More

आजादी में योगदान और बलिदान देनेवाली विरांगनाओं का इतिहास : अस्मिता प्रशांत ‘पुष्पांजलि’

हम जब भी उंचे निल गगन में शान से लहराते तिरंगे को राष्ट्रगीत के साथ सलामी देते हैं, तो अपनी छाती को गर्व से और भी दो इंच फुला हुआ … Read More

कहानी : और क्या लूं, डॉक साब…!

कहानी  पवार साहेब ने वर्मा जी को नमस्कार करते हुए पूछा कि वर्मा जी आज अल सुबह कहां जा रहें है? वर्मा जी ने, पवार साहेब का अभिवादन स्वीकार करते … Read More

पुस्तकों का दान अब जरुरी होता जा रहा है! लेेखक सलिल सरोज की कलम से…

“एक बार जब आप पढ़ना सीख लेते हैं, तो हमेशा के लिए आजाद हो जाते हैं।” – फ्रेडरिक डगलस पुस्तकें आपको सोचने-समझने पर विवश करती है और मनुष्य को मनुष्य … Read More

‘उड़ान’ का प्रथम प्रयास, स्वयंभू कवि सम्मेलन संपन्न

अनिवार्य प्रश्न। संवाद। इन्दौर। संस्था विद्यांजलि भारत मंच के प्रकल्प (उड़ान एक पहल) में शामिल पंजीकृत नवांकुर कवियों के रूप में पुष्पेंद्र पटेल पुष्प पीथमपुर, स्वाति सिंह साहिबा महेश्वर, यश … Read More

स्याही प्रकाशन से प्रकाशित ‘मेरी पीर रही अनगायी’ एवं ‘दिव्य दोहावली’ पुस्तक का लोकार्पण

अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। काशी की सुख्यात प्रकाशन संस्था ‘स्याही प्रकाशन’ द्वारा प्रकाशित व काशी के वयोवृद्ध साहित्यकार योगेंद्र नारायण चतुर्वेदी ‘वियोगी’ के द्वारा लिखित श्रृंगार व उसके पीर … Read More